Monday, October 31, 2011

a lonely night

rat akeli si tanha si hmse yun kuch baatein krna chahti h ,

hmari khamosi ko apni aazadi samajh kar hmare sapno ko yun churana chahti h ,

roshni ke abhav(kami) me hmari parchayi(saya) ko hmse hi chupa dena chahti h ,

ekmatra dikhti chanda(moon) ki haseen nazakat ko ghane baadal ke saaye mein ojhal kar dena chahti h,

ye katil rat dil ki angdayi ko uski neend samajh kr dhadkano ko hi tham dena chahti h,

aaj ye rat khud(hum) ko khud hi se juda kar ke khuda mein sama dena chahti h.. sama dena chahti h....

Wednesday, May 18, 2011

COLLEGE..

college is like a family to me..Now at the time of leaving i want to say some words in following poem:

Tha ek ehsaas hath pakad kar sath chalne ka.
Tha ek khayal dil me bas jane ka.
Thi ek zid ankhiyon ke aansoo ko muskurahat ke geet bnane ki.
Tha ek sapna tumhare sapno ko haqeeqat me badalne ka.
Hai ek haqeeqat is parivar ko alvida kehne ki.
Hai ek arzoo dwara parivar basane ki.
Hai ek lalak sabke pyar ko dil ki dhadkan bnane ki.
Hai ek tamanna tumhari sans ki khusboo ko apni sans lene ki tamanna bnane ki.
Hai ek aakhiri khwahish sabki khunnash ko pyar bnakar unki dil ki dhadkan ban jane ki...

Thank u guys for reading :)

Ek shayari : Itna

Arz kiya h:
Itni sharam na ho ki khud se hi sharma jao
Itna dar na ho ki khud se bhi ghabra jao
Itna gurur na ho ki kisi se baat na kr pao
Itna gussa na ho ki kisi se pyar na kr pao...

Itna gam na ho ki ansoo tapakna band(khatm) ho jayen
Itni bechaini na ho ki sansein ruk jayen
Itna dard na ho ki dil dhadakna bnd ho jaye
Itna pyar na ho ki jaan nikal jaye......

aadab..

Saturday, January 29, 2011

tumhari shikayatein

जिद का तुम्हारी  जो पर्दा सरकता तो
खिड़कियों से आगे भी तुम देख पाते |

आँखों से  शिकायतों की जो पलकें हटाते तो
तुम जान लेते में  क्या सोचता हूँ |

होठों से नफरत के जाम की जो बूँदें तुम गिरा पाते तो
तुम जान लेते कि हम तुम्हारे प्यार में कितने नशीले हैं |

हमारी साँसों की घुटन को तुम जीने की तमन्ना जो बना पाते तो
तुम जान लेते कि हमारी साँस की तमन्ना तुम्हारी साँस लेने की (जीने की ) तमन्ना से जन्म लेती है |

हमारे दिल की धड़कन पर  तुम अपनी धड़कन जो महसूस कर पाते तो
तुम अपनी आख़िरी धड़कन तक अपने दिल को हमारे लिए धड़कने से न रोक पाते
 धड़कने से न रोक पाते |

Friday, September 3, 2010

Rat Race for Dreams


खोयी हुयी जिंदगी है खोये हुए सपने हैं ,
सपनों की दौड़ में भाग रहे हैं हम,
झरने में कम पानी देखकर सागर ढूँढ रहे हैं हम,
भूल गये हैं सागर का पानी मिठास नहीं दे सकता,
भूल गये हैं आज का सपना कल खुशियाँ नहीं दे सकता,

भूल रहे हैं जो खुशी आज हम पर दीवानी है ,
कल दीवाना दूसरा बना ड़ालेगी ,
हमारी चाहत की आरजू को दूसरे की चाहत बना ड़ालेगी |
भूल रहे हैं वो अपनी रंगत के जाम को दूसरे को पिला ड़ालेगी ,
भूल रहे हैं वो अपने यौवन के चंचल चितवन को दूसरे का संभोग बना ड़ालेगी ,
और इस प्यास के प्यासे को सदा के लिए प्यासा ही छोड़ ड़ालेगी ,
प्यासा ही छोड़ ड़ालेगी |

Sunday, August 22, 2010

Doesn't your heart beat for
क्या आपका दिल नहीं करता !

क्या आपका दिल नहीं करता कि
बारिश कि बूँदें अनमोल मोती बनकर आपके शरीर से लिपट जाएँ !

क्या आपका दिल नहीं करता कि
बारिश कि बूँदें आपके कोमल शरीर पर इस तरह से छिंटक जाएँ
जैसे गुलाब के फूल पर बारिश की बूँदें !


क्या आपका दिल नहीं करता कि
बारिश कि बूँदें आपकी पत्थर जैसी कड़क रूह के हर कोने तक पहुँच जाये
और रूह की हर प्यास को बुझा दे !


क्या आपका दिल नहीं करता कि
बारिश की बूँदें आपके भीगते हुए अनमोल चेहरे से होते हुए
आपके दिल तक पहुँच जाये
,
जो हर नस (arteries और veins) के द्वारा शरीर के हर हिस्से तक पहुंचा दे

और वो हर उस दर्द के श्रोत को ही ख़त्म कर दे
जो दर्द नस
(veins) से पास होकर दिल तक पहुँचता था
जिससे वो दर्द भविष्य में दिल तक पहुँच ही ना सके!


क्या आपका दिल नही करता कि
बारिश की बूँदें आपके रसभरे होठों को चूम लें
और वो एहसास आपकी आत्मा (soul) की गहराईयों तक उतरकर
आपके हर ख़ुशी के दीप को प्रज्ज्वलित कर दे
और आपको गुनगुनाने और झूमने पर मजबूर कर दे !


क्या आपका दिल नहीं करता कि
बारिश की बूँदों की छिंटश आपकी साँसों से होकर हर उस साँस तक पहुँच जाये
जिसकी तमन्ना आपको साँस लेने पर मजबूर करती है
जिसके एहसास का एहसास आपको द्वारा जीने को मजबूर करता है !

क्या आपका दिल नहीं करता कि
बारिश की बूँदें आपके दिल को इस कदर भिगा दें कि
आपके दिल की बार-बार धड़कने की तमन्ना उस समय तक बनी रहे
जब तक समुद्र की हर बूँद आपको भिगा-भिगाकर आपके जीने की तमन्ना शान्त न कर दे !

क्या आपका दिल नही करता !
क्या आपका दिल नही करता !